internet kya hai in hindi | इंटरनेट क्या है?
इंटरनेट अंग्रेजी शब्दों Interconnected और Network से मिलकर बना है! इसका मतलब है, दुनिया भर के कंप्यूटर को जोड़ने वाला एक व्यापक तंत्र. इंटरनेट से लोग सूचनाओं का आदान प्रदान और बातचीत कर सकते है!
आज हम सभी लोग इंटेरनेट का उपयोग करते है ,पर क्या कभी आपने ये सोचा है ! की ये कैसे काम करता है?
Introduction Of Internet : internet kya hai hindi mein
बहुत सारे नेटवर्क को जब हम इंटरकनेक्ट करते है यानि की एक साथ जोड़ देते है तब इंटरनेट बनता है एक डिवाइस को दूसरे डिवाइस मैं ट्रांफर करते है और एक डिवाइस दूसरे डिवाइस से कम्यूनिकेट कर पाए ये सब इंटरनेट से पॉसिबल होता है
इंटरनेट क्या है? और इंटरनेट की स्थापना किसने की?
इंटरनेट की उत्पति 1960 के दसक के अंत में हुई वही अंग्रेजी वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने 1989 में वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार किया था। इंटरनेट का पहला वर्जन ARPANET के नाम से जाना जाता था।
इंटरनेट का आविष्कार 1969 में हुआ था. अमेरिकी रक्षा विभाग के एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (APRA) ने संयुक्त राज्य अमेरिका के चार विश्वविद्यालयों के कंप्यूटरों को नेटवर्क करके इंटरनेट बनाया था. इंटरनेट का आविष्कार करने वालों के नाम ये हैं: डॉ. विंटन सर्फ़, रॉबर्ट ई. क्हान.
इंटरनेट का पूरा नाम क्या है?
Internet का पूरा नाम इंटरकनेक्टेड नेटवर्क होता है.
भारत में इंटरनेट का इतिहास :
भारत में इंटरनेट की शुरुआत 1986 में हुई थी! आम जनता के लिए इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त 1995 में हुई. भारत में इंटरनेट की शुरुआत शिक्षा और अनुसंधान नेटवर्क (ईआरनेट) के लॉन्च के साथ हुई थी, शुरुआत में यह केवल शैक्षिक और अनुसंधान समुदाय के लिए उपलब्ध था. 1998 में सरकार ने निजी कंपनियों को इंटरनेट सेवा क्षेत्र में आने की अनुमति दे दी. 1998 में ही देश की पहली साइट इंडिया वर्ल्ड डॉट कॉम आरंभ हुई. भारत में इंटरनेट की शुरुआत के बाद से, 2020 तक 718.74 मिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता हो गए. 2020 तक, भारत में 54.29% आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही थी!
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां इंटरनेट सबसे सस्ता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, भविष्य में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और ब्लॉक चेन जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल पूरी तरह से इंटरनेट पर ही टिका होगा.
इंटरनेट कैसे काम करता हैं?
इंटरनेट एक आधुनिक तकनीकी माध्यम है. यह दो या दो से ज़्यादा कंप्यूटरों को आपस में जोड़ता है. इंटरनेट के ज़रिए, दुनिया भर के कंप्यूटर एक-दूसरे से संचार कर सकते हैं. इंटरनेट, नेटवर्कों का एक नेटवर्क है. यह पैकेट स्विचिंग नामक तकनीक का इस्तेमाल करके काम करता है! इंटरनेट के काम करने के लिए एक सर्वर रूम की जरूरत होती है, जिसमें सूचनाओं को स्टोर किया जाता है। यह सर्वर रूम 24 घंटे कार्य करते हैं और इन्हें आपस में ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से जोड़ा जाता है।
इंटरनेट के ज़रिए, हम ईमेल, संदेश, वेबसाइट, ब्लॉग, वीडियो, और ऑडियो सामग्री जैसी जानकारी हासिल कर सकते हैं. इंटरनेट के ज़रिए, हम ई-कॉमर्स, नौकरी तलाशने, बैंकिंग, अनुवाद जैसी सेवाओं का भी लाभ उठा सकते हैं. इंटरनेट (Internet) के बिना आज के समय में लोगों की जिंदगी अधूरी है. फेसबुक ,ट्विटर से लेकर इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लोग घंटों समय बिता रहे हैं.
एक वेब (One Web) क्या है?:
वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) या वेब, उन सार्वजनिक वेबसाइटों या पेजों को संदर्भित करता है जिन तक उपयोगकर्ता इंटरनेट के ज़रिए अपने स्थानीय कंप्यूटर और अन्य उपकरणों पर पहुंच सकते हैं. वेब के अंदर सभी जानकारी हाइपरलिंक के माध्यम से जुड़ी हुई है. वेब पर कोई भी वेबसाइट अपने स्थान को प्रदर्शित करने वाले विशिष्ट पते का प्रतिनिधित्व करती है. इसका मतलब है कि हर एक पेज से जुड़ा एक पता होता है और इस पते को यूआरएल के रूप में जाना जाता है. वर्ल्ड वाइड वेब को हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (Hypertext Transfer Protocol – HTTP) के उपयोग के माध्यम से अन्य प्रणालियों से अलग किया जाता है।
इंटरनेट के लाभ :
मनोरंजन जैसे ऑनलाइन खेल, पत्रिकाएँ पढ़ने, फिल्में देखने और संगीत सुनने के लिए भी इंटरनेट का जवाब नहीं। इसके माध्यम से आप फोटोग्राफ, ध्वनि तथा चलचित्रों का संप्रेषण भी कर सकते हैं। इन सभी गतिविधियों को चलाने के लिए इंटरनेट अपने उपयोगकर्ताओं को अनेक सेवाएँ प्रदान करता है।
इंटरनेट स्थानीय समुदायों, क्षेत्रों और राष्ट्रों को रोजगार पैदा करने वाले व्यवसायों और संस्थानों को विकसित करने, आकर्षित करने, बनाए रखने और विस्तार करने में सक्षम बनाता है। यह बड़े, छोटे और घरेलू व्यवसायों की उत्पादकता और लाभप्रदता में भी सुधार करता है और उन्हें स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देता है।
इंटरनेट नेटवर्क छात्रों और शिक्षकों को पाठ-आधारित सामग्री, फोटो, वीडियो, संगीत, एनिमेशन, इंटरैक्टिव पाठ और मौखिक इतिहास संग्रह सहित संसाधनों की एक श्रृंखला तक पहुंच प्रदान करके शैक्षिक अनुभवों को बढ़ाते हैं। इंटरनेट कक्षा की दीवारों को भी खोलता है, जिससे छात्रों को पुस्तकालयों, स्कूलों और घरों जैसे किसी भी स्थान से किसी भी समय दूरस्थ शिक्षा के अवसरों में भाग लेने की अनुमति मिलती है।
इंटरनेट के नुकसान :
इंटरनेट के जितने लाभ है उतने ही नुकसान भी है ! जैसे की आज कल बच्चे से लेकर बड़े सभी इंटरनेट का अत्यधिक इस्तेमाल करने लगे है , खासकर सोशल मीडिया, सामाजिक अलगाव और वास्तविक जीवन की बातचीत को कम कर सकता है.
ऑनलाइन ज़्यादा समय बिताने से व्यक्ति वास्तविक जीवन के सामाजिक संबंधों से दूर हो सकते हैं, जिससे अकेलेपन और वैराग्य की भावनाएं पैदा हो सकती हैं.ऑनलाइन बातचीत करने लगे हे ,इससे सभी घर में बच्चे -बड़े फ़ोन पर ही लगे रहते है।
बच्चों को अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे खेल खेलने की ज़रूरत है, खासकर आउटडोर गेम। हालाँकि, वे अपने फोन के आदी हैं, जो बुरा है। इससे उनका मन अशांत हो जाता है. इसलिए, बच्चों को फोन का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए और आउटडोर गेम खेलना शुरू कर देना चाहिए। इंटरनेट के ज़रिए बहुत सारी गलत जानकारी भी लोगों तक पहुंच जाती है. कोई भी कुछ भी जानकारी शेयर कर देता है.इंटरनेट की वजह से पैरसी, बैंकिंग फ़्रॉड, हैकिंग जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. समय का दुरुपयोग और बच्चे अनुपयुक्त और अनावश्यक जानकारी हासिल कर रहे हैं.इंटरनेट के ज़रिए कोई भी आपका डेटा आपके कंप्यूटर से चुरा सकता है.!
इंटरनेट के उपयोग :
शिक्षा देने के लिए इंटरनेट बहुत उपयोगी माध्यम है | इंटरनेट में अनगिनत किताबों, आनलाईन हेल्प सेंटर, विशेषज्ञों की राय, इत्यादि की मौजूदगी से शिक्षा न केवल आसान बल्कि मजेदार भी हो गया है | अलग अलग विषयों के लिए अलग अलग वेब साईट मौजूद हैं | इंटरनेट इस्तेमाल करके आजकल हम बहुत आसानी से हजारों किलोमीटर दूर बैठे लोगों से संपर्क कर सकते हैं |
अब लोग न केवल चैट कर सकते हैं विडियो कानफेरेंसिंग भी किया जा सकता है | दुनिया के किसी भी कोने में बैठे अपने प्रिय जनों से संपर्क किया जा सकता है |वित्तीय लेनदेन में पैसे का आदान प्रदान होता है | इंटरनेट से वित्तीय लेनदेन बहुत आसान हो गया है | अब आपको अपने बैंक में जाकर कतार में खड़े होने की जरुरत नहीं |
अपने बैंक की वेब साईट को खोलें, आईडी और पासवर्ड डालें और घर बैठे लेनदेन करें | इन्टरनेट की मदद से आप कुछ भी आसानी से खरीद व बेच सकते हैं |इंटरनेट की मदद से सबकुछ माउस के एक क्लिक से संभव है वह भी घर बैठे-बैठे | आन लाईन बुकिंग आसान है और विश्वशनीय है |
इंटरनेट से हमें जॉब की तलाश है तो हम ऑनलाइन जॉब भी देख सकते है उनके लिए भी अलग अलग वेबसाइट है और ऑनलाइन इंटरव्यू भी पॉसिबल है ये सब हमें घर बैठे मिलता है इंटरनेट के उपयोग से। इंटरनेट हमारे बहुत ही काम आता है।
इंटरनेट के प्रकार – Types of Internet in Hindi :
Dial-up Connection / PSTN (Public Service Telephone Network) Connection :
PSTN का पूरा नाम Public Switched Telephone Network है. ये सिर्फ आवाज़ को ट्रांसफर करने का काम करता है. इसकी जो स्पीड होती है वो कम होती है डायल-अप कनेक्शन में, डेटा ट्रांसमिशन दर आमतौर पर 56 Kbps या उससे कम होती है.डायल-अप कनेक्शन, उन नेटवर्क के लिए काफ़ी उपयोगी है, जो कंप्यूटर के छोटे समूह तक ही सीमित हैं या एक PC के लिए हैं.यह कनेक्शन, उन दिनों में काफ़ी काम आता था, जब LAN आम नहीं था.डायल-अप कनेक्शन, इंटरनेट एक्सेस का एक तरीका है. इसमें, इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) नोड में डायल करने के लिए एक मॉडेम और एक फ़ोन लाइन का इस्तेमाल होता है. डायल-अप कनेक्शन, इंटरनेट से जुड़ने का सबसे शुरुआती तरीका है. जिससे कई सारे यूज़र जुड़े होते हैं.
ISDN Connection :
ISDN का फुल फॉर्म इंटीग्रेटेड सर्विसेज डिजिटल नेटवर्क होता है। एक डिजिटल टेलीफोन नेटवर्क का रूप है। इसका आमतौर पर यूज डेटा और वॉइस को डिजिटल ट्रांसमिशन करने के लिए किया जाता है। ISDN को विशेष रूप से circuit switched टेलीफोन नेटवर्क सिस्टम कह सकते हैं।
Leased Line Connection :
लीज पर इंटरनेट एक कम्यूनिकेशन चैनल है जो दो या उससे भी ज्यादा वेबसाइट को आपस में कनेक्ट कर देता है। असल में ये इंटरनेट प्रोवाइडर और ग्राहकों के बीच सर्विस कांट्रैक्ट है।लीज पर लाइन डाटा, इंटरनेट और टेलीफोन सेवाओं के लिए बेहद पसंद की जाने वाली सेवा है। लीज पर लाइन हाई क्वालिटी बैंडविड्थ और स्पीड देने के लिए फाइबर ऑप्टिक केबल पर निर्भर करती हैं।लीज पर लाइन का इस्तेमाल फोन कॉल लेने के लिए, इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए,घर पर बैठकर ही स्टाफ के ऑफिस के कम्प्यूटर पर काम करने के लिए,अलग-अलग ऑफिस में सर्वर्स और कम्प्यूटर लिंक करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है !
Very Small Aperture Terminal (VSAT) :
VSAT का फ़ुल फ़ॉर्म है, वेरी स्मॉल अपर्चर टर्मिनल. यह एक दो-तरफ़ा ग्राउंड स्टेशन है. इसमें एक छोटा एंटीना होता है. इसका इस्तेमाल पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रह से डेटा भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है. VSAT की मदद से यूज़र डेटा के साथ-साथ वॉइस और वीडियो भी भेज सकते हैं.यह वास्तविक समय में कक्षा में मौजूद उपग्रहों को संकीर्ण और ब्रॉडबैंड डेटा दोनों मुहैया करा सकता है.फिर डेटा को ग्रह के अन्य दूरस्थ टर्मिनलों या हब पर पुनर्निर्देशित किया जा सकता है.यह सिस्टम आम तौर पर उन दूरदराज के इलाकों में इस्तेमाल किया जाता है जहां पारंपरिक संचार प्रणाली संभव नहीं है.
Broadband Connection :
ब्रॉडबैंड विस्तृत बैंडविड्थ के उच्च गुणवत्ता वाले डेटा का प्रसारण है। अपने सरलतम रूप में, यह एक हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन है जो हमेशा चालू रहता है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन में वाई-फाई, डीएसएल, फाइबर और सैटेलाइट शामिल हैं।वायरलेस ब्रॉडबैंड सेवाएं दूर-दराज के इलाकों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान कर सकती हैं. वायरलेस कनेक्शन सभी नेटवर्क हार्डवेयर के साथ काम करता है.
Wireless Internet Connection :
वायरलेस नेटवर्क, कंप्यूटर नेटवर्क को संदर्भित करता है. इसमें नोड्स के बीच रेडियो फ़्रीक्वेंसी (आरएफ़) कनेक्शन का इस्तेमाल होता है. वाई-फ़ाई, वायरलेस नेटवर्क का एक उदाहरण है. वाई-फ़ाई, वायरलेस राउटर से टीवी, स्मार्टफ़ोन, टैबलेट, और कंप्यूटर जैसे वाई-फ़ाई सक्षम डिवाइस तक डेटा ट्रांसमिट करने के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करता है.वाई-फ़ाई हॉटस्पॉट, इंटरनेट एक्सेस पॉइंट हैं. ये आपको अपने घर या ऑफ़िस नेटवर्क से दूर रहते हुए अपने कंप्यूटर, स्मार्टफ़ोन, या किसी अन्य डिवाइस का इस्तेमाल करके वाई-फ़ाई नेटवर्क से कनेक्ट करने की अनुमति देते हैं.
Satellite Internet Connection :
सैटेलाइट इंटरनेट, पृथ्वी और अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट डिशों के ज़रिए मिलने वाला वायरलेस कनेक्शन है. इसमें तमाम डेटा एक संचार नेटवर्क के माध्यम से भेजा और प्राप्त किया जाता है। यह डिवाइस से शुरू होकर मॉडेम से गुजरते हुए सैटेलाइट डिश के रास्ते सैटेलाइट तक पहुंचता है।
Mobile Internet Connection :
मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन, मोबाइल डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ने का काम करता है. इंटरनेट के ज़रिये आप सभी जानकारी ले सकते है इंटरनेट से जुड़ने के लिए, कंप्यूटर को किसी सर्वर से जोड़ना होता है. ये सर्वर, कुछ अधिकृत कंपनियों द्वारा स्थापित किए जाते हैं. इन कंपनियों को इंटरनेट सेवा प्रदाता कहा जाता है.
इंटरनेट से संबंधित कुछ सामान्य सवाल-जवाब :
ISDN का फुल फॉर्म क्या है?
ISDN – Integrated Service Digital Network.
इंटरनेट किस प्रकार का नेटवर्क है ?
इंटरनेट WAN का प्रकार का नेटवर्क है, जो दुनिया भर के कंप्यूटर को एक साथ जोड़ता है!
ब्राउजर क्या है?
àब्राउजर एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, जिसकी मदद से इंटरनेट एक्सेस किया जा सकता है। गूगल क्रोम पॉपुलर वेब ब्राउजर है।
भारत में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई?
भारत में इंटरनेट की शुरुआत साल 1995 में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को हुई। सबसे पहले इंटरनेट विदेश संचार निगम लिमिटेट ने शुरू किया। प्राइवेट कंपनियों के लिए इंटरनेट 1998 में खोला गया।
इंटरनेट क्या है ?
यह विश्वभर में एक – दूसरे से जुड़े हुए कम्प्यूटर नेटवर्कों का एक समूह है । इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से इसका सदस्य पुरे विश्व के किसी अन्य सदस्य से बातचीत कर सकता है तथा सूचनाएँ , जानकारियाँ आदि प्राप्त कर सकता है।
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