सर्वर क्या होता है? Server Kya Hai In Hindi
ये Server Kya Hai In Hindi ? ये आप सबको पता ही होगा क्युकी ,अक्सर हम जब ऑनलाइन काम करते है और कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करते है तब हम ये सर्वर के बारे में ज़रूर बात करते है ,पर क्या आपको पता है ये सर्वर का उपयोग क्या है ?और ये कैसे काम करता है ? तो चलिए आज हम ये सर्वर के बारे में बात करते है! जब भी हम कोई ऑनलाइन काम करते है तब कभी इंटरनेट नहीं चलता है तो हम ये कहते है की सर्वर डाउन है !
जब बैंक,ऑफिस में जब हम कंप्यूटर पर ऑनलाइन काम हम करते है ,या कोई भी ऑनलाइन काम में अगर रूकावट आ जाये तो इसका मतलब है सर्वर डाउन है !
सर्वर का काम कोई भी डाटा को आपस में जोड़ने का होता है और सर्वर से जुड़े कोई भी उपकरणों को आपस में जोड़ना और सुविधा देना है !जब भी कंप्यूटर में से कोई भी जानकारी हमें चाहिए होती है , तब कंप्यूटर सर्वर को सूचित करता है और सर्वर को सुचना देने के लिए सुचना भेजता है !उसके बाद सर्वर को जैसे ही कोई जानकारी मिलती है वो तुरंत जिस किसीको जानकारी चाहिए उसे वो सुचना दे देता है !सर्वर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों ही हो सकता है !
सर्वर का काम क्या होता है?
एक ही नेटवर्क में अनगिनत उपयोगकर्ताओंको सेवा प्रदान करने का काम ये सर्वर का होता है! जैसे आपका का कंप्यूटर सभी डाटा और फाइल को आपके द्वारा सेव किये गए सभी डाटा और फाइल्स को स्टोर करता है! उसी तरह सर्वर भी वेबसाइट के डाटा को स्टोर करता है,और वेबसाइट को होस्ट भी करता है! कंप्यूटर ,मोबाइल और सभी डिवाइस के साथ उस जानकारी को शेयर करता है !सर्वर एक कंप्यूटर या सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हो सकता है!
सर्वर कैसे काम करता है?
सर्वर हमेशा 24/7 चालू रहता है! अगर सर्वर का हार्डवेयर काम करना बंध करदे, तब भी सर्वर अपना काम बंध नहीं करता है !ये हमें नेटवर्क सिक्योरिटी देता है !ये हमें नेटवर्क पर फाइल स्टोर करने के साथ साथ कई कंप्यूटर तक हमारी पहुंच बना देता है इसमें Higher Storage Capacity होती है! जब हम अपने स्मार्टफोन या मोबाइल से किसी वेबसाइट को खोलते हैं तो मोबाइल/कंप्यूटर के यंत्र सर्वर को सूचना भेजता है। सर्वर में उस वेबसाइट की जानकारी सुरक्षित रहती है जिससे वो आपके मोबाइल/कंप्यूटर स्क्रीन पर भेजता है।
सर्वर के कितने प्रकार होते है?
1. वेब सर्वर (web server) :
वेब साइट का सारा डाटा इंटरनेट पर वेब सर्वर में संगृहीत रहता है क्योकि सर्वर वेब ब्राउज़र से जुड़ा रहता है जब हम वेब ब्राउज़र से वेब साइट को देकने का अनुरोध करते है तब ब्राउज़र वेब सर्वर से जुड़ता है !और हमें डिवाइस पर वेबसाइट डाटा को भेजता है!
2. फाइल सर्वर (File Server):
फाइल सर्वर का काम होता है की किसी नेटवर्क के अंदर विभिन्न फाइल को जैसे टेक्स्ट, डाक्यूमेंट्स,मल्टीमीडिया,फोटोज फाइल को स्टोर करने के लिए जगह प्रदान करता है!
3. डेटाबेस सर्वर (Database Server):
मेल सर्वर एक डाटाबेस सिस्टम है जो कंप्यूटर में डेटाबेस से डाटा एक्सेस करने का काम करता है !ये डाटा एक्सेस करने के दौरान पुनः सेवाएं प्राप्त करने से सबंधित कार्य करता है !
4. मेल सर्वर (Mail server) :
मेल सर्वर (जिसे कभी-कभी ईमेल सर्वर भी कहा जाता है) एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो ईमेल भेजता और प्राप्त करता है। अक्सर, इसका उपयोग मेल ट्रांसफर एजेंट (एमटीए) और मेल डिलीवरी एजेंट (एमडीए) दोनों के लिए एक व्यापक शब्द के रूप में किया जाता है, जिनमें से प्रत्येक थोड़ा अलग कार्य करता है।
5. एप्लीकेशन सर्वर (Application Server):
एप्लीकेशन सर्वर एप्लीकेशन को अपडेट और upgrade करने की परमिशन देता है। इस सर्वर का उपयोग वेब बेस्ड एप्लीकेशन को डेवेलोप करने और रन करने के लिए किया जाता है। यह सर्वर डेटा को सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा इस सर्वर का इस्तेमाल डेटाबेस सर्वर और एंड-यूज़र को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है।
6. क्लाउड सर्वर (Cloud server):
यह एक वर्चुअल सर्वर है जो क्लाउड कंप्यूटिंग एनवायरनमेंट में रन करता है। इस सर्वर को एक्सेस करने के लिए एक प्रकार के रिमोट का इस्तेमाल किया जाता है।यह सर्वर फिजिकल सर्वर के समान होता है जिसमे फिजिकल सर्वर के सभी फीचर्स शामिल होते है।
7. ब्लेड सर्वर (Blade server):
यह सर्वर एक हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट होता है जो सभी सर्वरों के नेटवर्क को आसान बनाता है। इस सर्वर को चेसिस (chassis) में स्थापित किया जाता है।यह सर्वर एडवांस फंक्शन प्रदान करता है जिसके कारण किसी काम को करना और भी ज्यादा आसान हो जाता है।
8. डोमेन नाम सर्विस (Domain Name Service (DNS):
यह एक प्रकार का सर्वर होता है जो डोमेन नाम और उनके रिकॉर्ड को मैनेज करके रखता है। इस सर्वर का निर्माण वर्ष 1983 में Jon Postel और Paul Mockapetris के द्वारा किया गया। इस सर्वर का मुख्य कार्य end user को वेबसाइट प्रदान करना है।यह सर्वर डोमेन नाम , डीएनएस रिकॉर्ड, और नेटवर्क नाम के डेटा को स्टोर करता है।
9. स्टैंडअलोन सर्वर ( Standalone Server):
यह एक ट्रांसमिशन की तरह होता है जो SATA और SCSI के साथ संचार (communication) करता है। इस सर्वर में दो डेटा पोर्ट शामिल होते है।
10. प्रिंटर सर्वर (Print server):
प्रिंटर सर्वर नेटवर्क का एक हिस्सा होता है जो अधिक मात्रा में प्रिंटर को manage करता है। यह सर्वर प्रिंटर की मदद से रिक्वेस्ट का जवाब देता है।
11. प्रॉक्सी सर्वर (Proxy server):
यह सर्वर क्लाइंट से request प्राप्त करता है और उसे प्रोसेस के लिए दुसरे सर्वर पर भेजता है। इसके अलावा यह दुसरे सर्वर से information भी प्राप्त करता है। इस सर्वर का मुख्य कार्य सर्वर पेज को तेजी से लोड करना है। प्रॉक्सी सर्वर एक कंप्यूटर सर्वर है जो क्लाइंट और सर्वर के बीच एक माध्यम (medium) की तरह काम करता है। यह सर्वर गेटवे सर्वर का एक हिस्सा होता है जिसका उपयोग लोकल नेटवर्क को बाहरी नेटवर्क (external network) से अलग करने के लिए किया जाता है।
12. डेडिकेटेड सर्वर (Dedicated Server):
इस सर्वर को केवल एक ही क्लाइंट के पास शेयर किया जा सकता है। इस सर्वर का इस्तेमाल प्रिंटर रिसोर्सेज को manage करने के लिए किया जाता है।यह सर्वर ऑपरेटिंग सिस्टम और इनस्टॉल किये गए एप्लीकेशन को manage करके रखता है। इसके अलावा यह डेटा बैकअप, डिजास्टर रिकवरी और फ़ायरवॉल जैसी कार्यो को मेन्टेन करने का काम भी करता है।यह एक सिंगल कंप्यूटर होता है जिसे एक प्रकार की कंपनी के द्वारा होस्ट किया जाता है। जो कंपनी डेडिकेटेड सर्वर को होस्ट करती है वह कंपनी केवल उस सर्वर को एक्सेस करने की परमिशन दे सकती है।
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