Backlink क्या है और Quality Backlink कैसे बनाये?

backlink kya hai

हेलो दोस्तों में  हु आपका दोस्त सचिन। तो आज के इस ब्लॉग में हम बात करने वाले है Backlink kya hai और Backlink kaise बनाये. अभी थोड़े समय पहले मेने एक ब्लॉग लिखा था जिसमे SEO के बारे ने काफी महत्वपूर्ण बाते बताई शेर की थी. जिसमे SEO क्या होता है। SEO का मतलब क्या होता है वो बताया था. तब मेने वो ब्लॉग में backlinks के बारे में बात की थी पर फिर मैनें सोच की ये पूरा ब्लॉग सो के बारे में था तो बैकलिक क्या है और बैकलिक कैसे बनाते है बैकलिंक के फायदे क्या होते है उसके में बारे में विस्तार से नहीं लिख पाया था तो ये पूरा ब्लॉग बैकलिंक के बारे में रहेगा और ये ब्लॉग में में कोशिस करुगा की आपको बैकलिंक को लेके जितने भी सवाल है या शंकाये गई उसके में क्लियर कर सकू और आप आसानी से आपके ब्लॉग के लिए बैकलिंक कैसे बनाते है वो समजा सकू।

जो लोग ब्लॉगिंग की फ़िंडल में काफी समय से है या SEO में वर्क करे रहे है तो उसको पता होता है की बैकलिंक क्या है  बैकलिंक का महत्त्व क्या है तो तो अगर आप ब्लॉग्गिंग के फील्ड में नए है तो कोई प्रॉब्लम नहीं है हम ये ब्लॉग में बैकलिंक के बारे में आसान भाषा में समज ने वाले है आपको ये ब्लॉग पूरा पढ़ ने के के काफी सारे बैकलिंक को लेके शक क्लियर हो जायेगे। Backlink क्या है, कैसे बनाये और ये कितने प्रकार के होते हैं? वो अगर आप समज जाते हो और उसपे आप काम करना शरू करते हो तो आप आपके ब्लॉग को गूगल में रेंक करावा सकते हो।

Backlink क्या होता है | What is Backlink in Hindi?

बैकलिंक का अगर हम आसान भाषा में मतलब समजे तो होगा किसी दूसरे की वेबसाइट या ब्लॉग के साथ हमारे ब्लॉग या ब्लॉग को किसी भी पेज को लिंक करना. अब हम ये तो हम समज गए की दूसरी वेबसाइट के साथ हम अपनी वेबसाइट को लिंक करते है तो उसे कहते है बैकलिंक लेकिन वेबसाइट को लिंक करने के काफी सरे तरिते होते है. फायदे होते है. और कई  केस में नुकसान भी होता है. तो आगे हम ये सबके बारे में सामाज ने वाले है.

Backlink की परिभाषा

“जब कोई एक वेबसाइट या ब्लॉग अपने ब्लॉग के साथ कोई  ब्लॉग को लिंक करता है तो उसे हम सो की टेक्निकल टर्म में बोलते है बैकलिंक”

उदाहरण: मानलो की मेरा थे डिजिटल सचिन ब्लॉग डिजिटल मार्केटिंग है जिसमे में में डिजिटल मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी के रेलेटेड बात करता हु. और अगर कोई वयक्ति है उसका भी कोई ब्लॉग है और वो मुझे उसके ब्लॉग के बारे में बताता है और बोलता है की मुझे आपके ब्लॉग में से बैकलिंक चाहिए फिर में उसके ब्लॉग तो देख कर अगर मुझे वो ब्लॉग सही लगता गई वो में अपने आर्टिकल में उसके ब्लॉग को लिंक करता हु तो ये सामने वाले व्यक्ति ले लिए बैकलिंक बन जाएगी.

तो में आशा करता हु की यहाँ तक बैकलिंक के बारे में आपको समज में आ गया होता की बैकलिंक क्या है?

तो अब हम बैकलिंक के बारे में ज्यादा समझने से पहले समझते है की इंटरनल लिंकिंग और एक्सटरनल लिंकिंग क्या होता है?

Internal लिंकिंग: जब आप आपके ही ब्लॉग के साथ आपके दूसरे ब्लॉग का पेज को लिंक करते है तो वो उसको हम बोलते है इंटरनल लिंकिंग करना.

External लिंकिंग: जब आप अपने ब्लॉग को दूसरे की वेबसाइट या ब्लॉग के साथ लिंक करते है तो उसको हम बोलते है एक्सटर्नल लिंक.तो अब हम बात करते है टाइप्स ऑफ़ बैकलिंक , बैकलिंक कितने प्रकार के होते है उसके बारे में,

बैकलिंक के प्रकार | Types of backlinks in Hindi

तो अब देखते है १४ टाइप्स के बैकलिंक के बारेमे जिसमे आपको बोहत सारी रोचक बाते जानने को मिलेगी.

Authority of the Linking साइट:

जो लिंक आप अथॉरिटी वेबसाइट से लेते हो तो वो बैकलिंक आपके ब्लॉग को गूगल या दूसरे सेर्च इंजन में रेंक करवाने के लिए बोहत उसेफुल्ल होती है. आप कोई भी वेबसाइट या ब्लॉग की अथॉरिटी चेक करने के लिए ALEXA TOOL का उपदेयोग कर सकते हो. ये वो टूल्स है जो आपको किसी भी वेबसाइट की अथॉरिटी चेक करने में मदद करेगा  Site Overview टूल.

DoFollow बैकलिंक्स  क्या होते है और Nofollow बैकलिंक्स क्या होते है?

DoFollow बैकलिंक्स  क्या होते है? 

दो फॉलो बैकलिंक सो में ज्यादा महत्वपूर्ण है जब आप किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग से दो फॉलो बैकलिंक प्राप्त करते है तो उस वेबसाइट की वैल्यू यानि  लिंक ज्यूस मिलता है जो आपके ब्लॉग को गूगल में रेंक करने में मदद करता है.

NoFollow बैकलिंक्स क्या होते है?

Nofollow  बैकलिंक्स ऐसी बैकलिंकस होती है जहा से आपको बैकलिंक तो मिल जाएगी पर वो वेबसाइट थी अथॉरिटी का तो लिंक ज्यूस नहीं मिलेगा ऐसी वेबसाइट कई बार आपके रेंक करने में कम मदद कराती है यो तो मदद ना करे ऐसा भी हो सकता है.

तो अब हमने ये तो समज लिए की दो फॉलो बैकलिंक और नो बैकलिंक में क्या डिफरेंट है पर अगर हमें चेक करना हो की कोनसी लिंक डूफ़ॉलो है और कोनसी बैकलिंक नोफ़ॉलो है तो उसके लिए में एक आसान सा तारिक शेर करता हु जिससे आपको पता चल जायेगा ये कोनसी लिंक है?

एक क्रोम एक्सटेंशन है नोफ़ॉलो उसको आपको अपडे क्रोम ब्राउज़र में ऐड कर लेना है. तो उसके बाद कोई भी बैकलिंक अगर नोफ़ॉलो बैकलिंक है तो उसमे अपड़ो रेड बॉर्डर देखने को मिलेगी.

On-Site Link लोकेशन: जब आपकी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए बैकलिंक बनाते है तो वो वेबसाइट या ब्लॉग के कोनसे सेक्शन से मिल रही है वो भी महत्वपूर्ण है. अगर आपको ब्लॉग के बॉडी सेक्शन में से बैकलिंक मिलती है तो ज्यादा फायदेकारक होती है.

सबसे पावरफुल बैकलिंक के प्रकार:

Editorial बैकलिंक्स: 

SEO में सबसे अच्छे प्रकार के लिंक Editorial ब्लॉग या आर्टिकल से आते हैं। एक Editorial उल्लेख तब होता है जब कोई अन्य वेबसाइट गुणवत्ता सामग्री के एक टुकड़े में आपकी वेबसाइट को संदर्भित करती है और लिंक करती है।

एक संपादकीय बैकलिंक को इस प्रकार शामिल किया जा सकता है.

– अगर आप के ब्लॉग में आर्टिकल में कोई महत्वपूर्ण सर्वे या इनफार्मेशन है तो कोई वो डाटा उसे करता है तो वो आपको बैकलिंक दे सकता है/

– कोई ज्यादा माहिती ले लिए आपके ब्लॉग को बैकलिंक मिल सकती है.

Editorial बैकलिंक्स कैसे प्राप्त करे.

– आपके ब्लॉग के लिए स्ट्रांग और ज्यादा इन्फोर्मटिव कंटेंट लिखे

– ऐसा कंटेंट लिए जिसमे से लोग कंटेंट की इनफार्मेशन उसे करे और आपको बैकलिंक दे.

Guest Blogging बैकलिंक्स | Guest Blogging बैकलिंक्स क्या होती है?

Guest Blogging का मतलब होता है जब कोई और हमारे niche के रिलेटेड ब्लॉग होता है तो उसके मालिक को कंटेंट करके हम उसे बोलते है की हम हमरा ब्लॉग भी आपके निचे से रिलेटेड है और हम आपको कंटेंट लिखके देंगे तो आप हमें बैकलिंक दे सकते है? फिर वो जो ब्लॉग का मालिक है उसकी मर्जी है और हमरा कंटेंट अच्छा हो तो वो कंटेंट पब्लिश करके हमें बैकलिंक दे सकता है उसको बोलते है Guest Blogging बैकलिंक्स.

Webinar लिंक्स:

अगर आपको को वेबिनार करते हो और उसमे महत्वपूर्ण जानकारी शेर करते हो तो लोग आपको उसके वेबिनार वाले पेज को लिंक दे सकते है.

Free Tool लिंक्स:

अगर आप कोई फ्री टूल्स डेवलप करते है जो लोगो ले लिए उपयोगी है तो लोग आपके टूल्स को प्रोमोट कर सकते है और आपको पॉवरफुल बैकलिंकस मिल सकती है.

Good Types of बैकलिंक्स:

Acknowledgment बैकलिंक्स:

एक Acknowledgment बैकलिंक तब होता है जब कोई वेबसाइट किसी रिश्ते या प्रायोजन के संदर्भ में किसी वेबसाइट का उल्लेख और लिंक करती है. इन लिंक में आमतौर पर ब्रांड से संबंधित या वे क्या करते हैं, और इसके बजाय बहुत अधिक सामग्री नहीं होती है.

Guest Post Bio बैकलिंक्स:

कोई केस में एसा भी हो सकता है की अगर आप गेस्ट ब्लॉग्गिंग के लिए रिक्वेस्ट करते है तो ब्लॉग का जो मालिक होगा वो इस बात से सहमत नहीं होगा पर लास्ट में आपके बारे में थोड़े इनफार्मेशन लिखने के बाद वो ऑथर सेक्शन में आपको बैकलिंक देगा तो वो बैकलिंक भी उपयोगी होती है.

Badge बैकलिंक्स: 

ब्रांडेड बैज के माध्यम से अन्य साइटों को मूल्य प्रदान करके बैकलिंक्स बनाने का एक तरीका है। एक ब्रांडेड बैज एक पुरस्कार है जो एक ब्रांड बनाता है और अन्य साइटों को स्टेटस सिंबल के रूप में देता है। उदाहरण के लिए, आप अपनी साइट पर प्रकाशित शीर्ष साइटों या सर्वश्रेष्ठ ब्रांडों की एक सूची बना सकते हैं, और फिर सूची में प्रत्येक ब्रांड को बैज दे सकते हैं ताकि वे अपनी साइट पर स्थिति दिखा सकें। आप लिंक बनाने के लिए बैज पर लेख का लिंक वापस शामिल करते हैं।

Newsworthy Press Release बैकलिंक्स:

जब कोई कंपनी उसकी PR (प्रेस रिलीज़) कराती है तो मिडिया अगर उसको कवर करे तो उसके माध्यम से बैकलिंक मिल सकती है.

Comment बैकलिंक्स: 

ये आसान कारिका है बैकलिंक बनाने का कोई अगर आपके niche से रिलेटेड ब्लॉग है तो वो ब्लॉग में आप कमेंट करके वह से आप बैकलिंक्स ले सकते है.

Bad Types of बैकलिंक्स:

तो ये बैकलिंक के प्रकार में हम ऐसी बैकलिंक्स के बारे में देखेंगे जो आपके ब्लॉग या वेबसाइट तो नकारात्मक असर कर सकती है.

Paid लिंक्स:

अगर आप किसी को पैसा देके वह से बैकलिंक ले रहे हो तो उसकी वेबसाइट या ब्लॉग के बारे में आपको अच्छे से जान लेना चाहिए फिर  जेक आप बैकलिंक ले सकते है. और अगर हो सके तो ऐसी पेड लिंक दे दूर ही रहना चाहिए.

Non-Newsworthy Press Releases:

जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, दिलचस्प और समाचार-योग्य प्रेस विज्ञप्तियां एक ब्रांड को ध्यान और लिंक हासिल करने में मदद कर सकती हैं। लेकिन अगर कोई ब्रांड बार-बार ऐसी प्रेस विज्ञप्तियां फैलाता है जो समाचार के योग्य नहीं हैं और लिंक हासिल करने के एकमात्र इरादे से बनाई गई हैं, तो यह स्पैमयुक्त भी हो सकता है।

General Business and Article Directory लिंक्स:

आप लोकल बिज़नेस और आर्टिकल डायरेक्टरी सबमिशन करके आप बैकलिंक बना सकते है पर आपको ध्यान रखना चाहिए की उसमे spammy साइट्स में से बैकलिंकस न बनाये.

Forum बैकलिंक्स: 

कोई ऐसी वेबसाइट होती है जहा पर आपके टॉपिक से रिलेटेड लोग माहिती शेर करते है तो उस टाइप की वेबसाइट पर आप कंटेंट और इनफार्मेशन शेर करके आप वह से बैकलिंक ले सकते है.

तो हमने ऊपर बैकलिंक्स के प्रकार के बारे में देखा आशा करता हु की आपको बैकलिंक्स कितने प्रकार के होते है और कोनसे बैकलिंक्स है और कोनसे प्रकार के बैकलिंक्स नुकसान कर सकते है वो समाज में आ गया होगा.

अब हम देखने वाले है की आप किस प्रकार से बैकलिंकस बना सकते है और वो सब टेक्निक्स के बारे में हम समजेंगे.

Backlink कैसे बनाये

कमेंट करके बैकलिंक्स बनाना:

आप आपके निष् के रिलेटेड जो ब्लॉगस है जो गूगल के पहले पेज में रेंक कर रहे है तो फिर आप ये ब्लॉग के निचे कमेंट का बॉक्स होता है वह पे कमेंट करे सकते है. और वह एंकर टेक्स्ट लगाके वह से आसानी ले बैकलिंक्स बना सकते है. में आपको बताना चाहुगा की ये जो बैकलिंक्स हम कमेंट से बनाते है वो ज्यादातर नोफ़ॉलो होते है. पर अभी आपका ब्लॉग या वेबसाइट नयी है तो इस तरह की बैकलिंक्स आप बना सकते है.

गेस्ट पोस्ट बैकलिंक्स: जैसे हमने ऊपर ले गेस्ट पोस्ट वाले सेक्शन में विस्तार से बात की थी की गेस्ट पोस्ट क्या होता है और आप गेस्ट पोस्ट से कैसे बैकलिंक्स बना सकते हो.

पेड बैकलिंक्स, पेड बैकलिंक्स क्या होते है.

पेड बैकलिंक के बारे में अगर हम बात करे तो हमें नाम पर से ही पता चलता है की इसमें पैसे की लेनदेन होती होगी. है तो पेड बैकलिंक्स का मतलब होता है की जब हम कोई ब्लॉगर को पैसे देके वह से हम बैकलिंक्स लेते है तो वो कहलाएगी पेड बैकलिंक्स.

अगर हम गूगल की गाइडलाइन के हिसाब से देखे तो पेड बैकलिंक कभी कभी आपके ब्लॉग के लिए हानिकारक भी हो सकती है.

Profile Creations:

इंटनेट पर बोहत साडी वेबसाइट उपलब्ध है उसमे से कई वेबसाइट एसे होती है जहा पर आप आपके ब्लॉग या वेबसाइट की प्रोफाइल बनके डिटेलस ऐड करके आप वहा पर आप आपके डोमेन को ऐड करके आप वहा से बैकलिंक्स बना सकते है.

Directory सबमिशन्स: डायरेक्टरी सबमिशन्स क्या है?

डायरेक्टरी सबमिशन्स एक प्रक्रिया है जिससे आप आपके ब्लॉग या वेबसाइट का URL दूसरी वेबसाइट में लिंक कर सकते है. जिसके आपकी बैकलिंक बढ़ेगी और अपडे ब्लॉग को इंडेक्स होनेमे भी मदद हो सकती है.

Article सबमिशन्स:

आर्टिकल सबमिशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे आर्टिकल सबमिशन की जो फ्री वेबसाइट होती है उसका यूज करके आप वह पर आर्टिकल सबमिशन कर सकते है और वजा से आप अच्छी बैकलिंक्स जनरेट कर सकते है.

अगर हम पॉपुलर आर्टिकल सबमिशन की वेबसाइट देखे तो उसमे hubpages.com , articlesfactory.com, www.sooperarticles.com, medium.com हम देख सकते है.

Socialbookmarking सबमिशन्स:

सोशल बुकमार्किंग एक बैकलिंक्स बनानेकी प्रक्रिया है जिसमे हमने अलग अलग जो सोशल बुकमार्किंग की वेब्सीटेस होती है वह पर हमें प्रोफाइल बनाके वहा पर हमें अपने ब्लॉग या वेबसाइट के पेज का सबमिशन करके वह से बैकलिंक्स बनानी होती है.

Quora QA :

Quora एक बोहत ही फेमस वेबसाइट है जहा पर लोगो को जिसके बारे में मदद चाहिए उसके बारे में सवाल पूछते है और लोग उस पूछे गए सवालों का उत्तर दे सकते है और वो दिए गए उत्तर में आप एंकर टेक्स्ट लगा के आप बैकलिंक बना सकते हो और क्वोरा से आप अच्छा ट्राफिक भी आपके ब्लॉग पर ला सकते हो.

तो अब हमने बैकलिंक्स के बारे में इतनी सारि बाते देखि पर आप सोच रहे होंगे की बैकलिंक्स बनाने के बाद फायदा क्या होगा? तो अब हम बात करते है बैकलिंक्स के फायदे के बारे में.

बैकलिंक्स के फायदे | बैकलिंक्स ब्लॉग को रेंक करने में कैसे फायदा करती है?

– Organic Ranking को बढ़ाने में

आप जब आप आपकी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए बैकलिंक बनाना स्टार्ट करते है तो आपका ब्लॉग गूगल या दूसरे सर्च इंजन में अलग अलग कीवर्ड्स में रेंक कारन शरू करेगा और आपकी कीवर्ड्स रेंकंग इम्प्रूव होगी.

Indexing में फायदा होगा.

कभी कभी ऐसा होता है की हम अच्छे से ब्लॉग लिख लेते है पर वो ब्लॉग गूगल में दीखता ही नहीं है या इंडेक्स ही नहीं होता है तो अगर आप आपकी वेबसाइट के लिए बैकलिंक्स बनाते है तो आपके नए ब्लॉग के इंडेक्सिंग में आपको फायदा हो सकता है.

Referral Traffic बढ़ाने में मददगार है.

जब आप पॉपुलर वेबसाइट में बैकलिंक्स बनाते है तो वह अगर आपके बैकलिंक्स वाले ब्लोग्स या पेज ने अगर कोई यूजर आता है तो अपने जो एंकर टेक्स्ट दिया है वह से आपकी वेबसाइट पर यूजर आएगा और आपकी वेबसाइट की रेफरल ट्रैफिक बढ़ सकती है.

वेबसाइट के DA को इम्प्रूव करता है:

वेबसाइट का DA  आप मोज़ का यूज़ करके आप चेक कर के चेक कर सकते है. जितना आपकी वेबसाइट का DA ज्यादा होगा उतनी आपकी वेबसाइट या ब्लॉग की अथॉरिटी अच्छी है एसा माना जाता है. और बैकलिंकस आपके वेबसाइट के DA को इम्प्रूव करने में फायदा करता है.

आज आपने क्या सीखा

आज हमने सीखा की बैकलिंक्स क्या है, बैकलिंक्स के प्रकार कितने है, बैकलिंक्स का क्या महत्त्व है और भी साडी बाते हमने आज के ब्लॉग में सीखी. में आशा करता हु की ये ब्लोग्स में आपको बैकलिंक्स में बारे में नयी बाते सिखने को मिली होगी. अगर फिर भी आपके दिमाग में बैकलिंक्स के बारेमे कोईभी सवाल या शंका गई तो आप निचे कमेंट करके पूछ सकते है. में कोशिश करुगा की में आपकी मदद कर सकू.

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